मै जो करता हूँ वो अब तो तुम्हारी ही निशानी है ,
भले हों लब कि मुस्काहट या वो आँखों का पानी है ,
मेरी हर बात दुनिया को अदा लगती है लेकिन प्रिय ,
मेरी हर एक आदत बस तुम्हारी मेहरबानी है |
भले हों लब कि मुस्काहट या वो आँखों का पानी है ,
मेरी हर बात दुनिया को अदा लगती है लेकिन प्रिय ,
मेरी हर एक आदत बस तुम्हारी मेहरबानी है |
दर्द दर्द और दर्द बस यही मिला है तुम्हारी रचनाओ में .......
ReplyDeleteमैं अब इनमे खुशिया देखना चाहता हूँ
कैसे आयेंगी ये तुम बताओ लेकर आना मेरा काम है |