Sunday 24 June 2012

तुम्हारी मेहरबानी है

मै जो करता हूँ वो अब तो तुम्हारी ही निशानी है ,
भले हों लब कि मुस्काहट या वो आँखों का पानी है ,
मेरी हर बात दुनिया को अदा लगती है लेकिन प्रिय ,
मेरी हर एक आदत बस तुम्हारी मेहरबानी है |

1 comment:

  1. दर्द दर्द और दर्द बस यही मिला है तुम्हारी रचनाओ में .......
    मैं अब इनमे खुशिया देखना चाहता हूँ
    कैसे आयेंगी ये तुम बताओ लेकर आना मेरा काम है |

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