मुरली भी राधा से जल गयी
बोल उठी ये बोल ,
मैं तो संवारे के सम्पुट पर
लग कर हुयी बेमोल
पर राधा का मोल ये जग कैसे नापेगा ,
मन लग कर कान्हा के
वो तो हों गयी है अनमोल |
बोल उठी ये बोल ,
मैं तो संवारे के सम्पुट पर
लग कर हुयी बेमोल
पर राधा का मोल ये जग कैसे नापेगा ,
मन लग कर कान्हा के
वो तो हों गयी है अनमोल |
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