Friday 22 June 2012

तुम तो मैं हूँ

कितनी आसानी से
त्याग कर दिया आपने अपनी
शिवा को |
कैसे इतनी शक्ति है आपमें
कि कल तक जिसे ,
अपने सीने से लगा कर रखा ,
जिसके मान को अपना समझा ,
वामांगी बनाया था
कहा  था सदा धारण करूँगा तुम्हे
अपने ह्रदय में
उसे  एक पल में त्यागने कि .......
चाहिए हमें भी गुरु दीच्छा
कि जी सकें हम
आपके बिन |
पर कैसे
स्वांस में आप ,
ह्रदय में आप,
मन में आप,
मस्तिष्क में आप ,
हांथो में आज भी है आपका हाँथ ,
और जीवन को है आज भी ये विश्वास,
कि भूले नहीं हों आप हमें ,
हर पल याद आते होंगे वो पल
जो साथ गुज़ारे थे हमने,
किसी  को हों न हों 
हमें विश्वास है ,
तुम्हारे होने का ,
क्यूंकि अब तुम तुम नहीं 
तुम तो मैं हूँ |

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