कल बहुत रोई थी मरते हुए उसकी आँखें |
अपना सब कुछ तुम्ही को उसने मान रखा था ,
साँस में दिल में धडकनों में बसा रखा था ,
अपने ईमान से तेरे लिए ही भटकी थी ,
बस तेरी ही खुशी के लिए तरसी थी
अपना सब कुछ तुम्ही को उसने मान रखा था ,
साँस में दिल में धडकनों में बसा रखा था ,
अपने ईमान से तेरे लिए ही भटकी थी ,
बस तेरी ही खुशी के लिए तरसी थी
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