Monday 18 June 2012

सिर्फ मेरे तुम प्रिये

अब नयन अपलक तुम्हारी राह तकते है प्रिये |

एक दिन बोला था तुमने छोड़ कर न जाओगे ,
चाहे हम कुछ भी करें तुम बस मेरे कहलाओगे ,
अब  कहाँ वो शब्द जिन पर था तुझे विश्वास इतना , 
गर न पूरा करने सके तो झूठे तुम  कहलाओगे ,

बस तुम्हारे एक कथन पर हम तो मिटते हैं प्रिये ,
                                      अब नयन अपलक तुम्हारी राह तकते है प्रिये | 

ईश  का वरदान समझा तुमको जीवन के लिए ,
मैंने तन  मन प्राण  समझा तुझको जीवन के लिए ,
और तुम ही हमको ठग कर स्वांस मेरी ले गए ,
मांग लेते गर तो सब कुछ था मेरा तेरे लिए ,

एक बस तेरे कथन पर  प्राण खुद हरते प्रिये ,
                                      अब नयन अपलक तुम्हारी राह तकते है प्रिये |

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