अब नयन अपलक तुम्हारी राह तकते है प्रिये |
एक दिन बोला था तुमने छोड़ कर न जाओगे ,
चाहे हम कुछ भी करें तुम बस मेरे कहलाओगे ,
अब कहाँ वो शब्द जिन पर था तुझे विश्वास इतना ,
गर न पूरा करने सके तो झूठे तुम कहलाओगे ,
बस तुम्हारे एक कथन पर हम तो मिटते हैं प्रिये ,
अब नयन अपलक तुम्हारी राह तकते है प्रिये |
ईश का वरदान समझा तुमको जीवन के लिए ,
मैंने तन मन प्राण समझा तुझको जीवन के लिए ,
और तुम ही हमको ठग कर स्वांस मेरी ले गए ,
मांग लेते गर तो सब कुछ था मेरा तेरे लिए ,
एक बस तेरे कथन पर प्राण खुद हरते प्रिये ,
अब नयन अपलक तुम्हारी राह तकते है प्रिये |
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