अंतर्नाद
Tuesday, 29 May 2012
बस तुम्हारा हो गया
क्या तुम्हे एहसास है ये कोई रोता है कहीं
जिस्म कि ख्वाहिश तुम्हे थी वो तुम्हे दिल दे गया |
तुमने गलती कह दिया जिस पल को मेरे दोस्त सुन
वो उसी पल से तुम्हारा बस तुम्हारा हो गया |
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