Tuesday 29 May 2012

उठा लो पालकी |

अब नहीं सही जाती मुझसे ,
ये बिन बादल बरसात ,
उठा लो पालकी |
अम्मा कि वो भीगी पलकें 
बाबुल कि अँखियाँ नीर भरी ,
भईया का रोया रोया मन 
सखियों कि बतियाँ प्रीत भरी ,
अब नहीं सही जाती ,
मुझसे ये विकट घड़ी,
उठा लो पालकी |
रूठे अँगना का मुझे बुलाना ,
ड्योढ़ी का रोना चिल्लाना ,
अब नहीं सही जाती मुझसे ,
ये मिटती सी मुस्कान ,
उठा लो पालकी |
मेरा गगरा भी रोया है ,
जिसने कभी भिगोया था आँचल को मेरे ,
वो बुढिया भी दूर कड़ी देती है आशीर्वाद ,
खिलाया था जिसको गुड़ रोटी मैंने ,
अब नहीं सहे जाते मुझसे ये बिन बांधे व्यहवार ,
उठा लो पालकी |

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