Sunday 27 May 2012

माया जी की माया

माया जी की माया में हैं उलझी ये मायापुरी ,
माया जी की माया का ही हर और शोर है ,
चारों और माया जी की मायामयी मूर्तियां ,
और माया जी की माया का न ओर छोर है |
अद्भुद है ये जाने कैसी है माया मेरी ,
सबकी बहन है ये बात अनमोल है ,
पर मेरी बहना का प्यार ज़रा देखिये तो ,
भाइयों का हक़ वो तो कर गयी गोल है |
माया जी की माया का ही हर ओर शोर है |
एक बार बनता है लाख बार टूटता है ,
नाम पे वो भीम जी के बार बार लूटता है ,
माया खर्च हो रही है , देखो व्यर्थ हो रही है ,
फिर भी सुन्दरीकरण  का ही मंत्र फूटता है ,
मायामयी नगरी में बसती हमारी माया ,
उनके घोटालों का न फिर कहीं शोर है ,
और माया जी की माया का न ओर छोर है |



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