फिर एक गुनाह करने जा रहा हूँ ,
मैं तुझ पर आज मरने जा रहा हूँ |
कोई समझेगा मेरा मौन ना अब ,
इसी कारन मैं कहने जा रहा हूँ |
मै था इन्सान कल तक आज पर मै ,
जहाँ की राह चलने जा रहा हूँ |
बहुत चाहत थी कुछ हो नाम मेरा ,
मै अब बदनाम होने जा रहा हूँ |
मैं सहमा सा रहा इस बीड़ में पर ,
उचक कर चाँद छूने जा रहा हूँ|
मै तुझ पर आज मरने जा रहा हूँ |
मैं सहमा सा रहा इस बीड़ में पर ,
उचक कर चाँद छूने जा रहा हूँ|
मै तुझ पर आज मरने जा रहा हूँ |
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