Saturday 28 July 2012

रुकता है नहीं कैसे ?

फलों से लद गया है वो तो झुकता है नहीं कैसे ?
नदी बन कर जो बहता है वो रुकता है नहीं कैसे ?
जो कहता था मेरे बिन जी नहीं पायेगा एक भी पल 
वो मुझको खो के भी जिंदा भला है आज तक कैसे ?
                                                     रुकता है नहीं कैसे ?
वफाएं मेरे हिस्से थी तो आँसू भी हमारे थे ,
मेरे दिल में जो रहता था नयन से बह गया कैसे ?
                                                     रुकता है नहीं कैसे ?
"समंदर पीर का अंदर है फिर भी रो नहीं सकता ",
जो गाता था ये धुन रो कर वो तनहा हों गया कैसे ?
                                                     रुकता है नहीं कैसे ?
सितम पर वो सितम हम पर किया करते थे लेकिन फिर ,
भरम उनकी मोहब्बत का ह्रदय में रह गया कैसे ?
                                                     रुकता है नहीं कैसे ?

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