Sunday 22 July 2012

गंगा

मैं गंगा हूँ मुझे अपनी शरण में नाथ तुम ले लो ,
जटाओं में संभालो तुम हमें तुम साथ में ले लो ,
मुझे वरदान दो मैं त्रास दुनिया के हरूँ सारे ,
मुझे  अपना बना कर तुम गरल सहने का गुण दे दो |





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