किसी ने अब तलक मेरे लिए कविता नहीं लिखी ,
जो लिखी है सनम तुमने तो अब बोलो कि क्यूँ लिखी ,
किया क्या जुर्म है हमने जो तुमने दोस्त ऐ मेरे
कफ़न पर दोस्ती के प्यार कि ये इल्तिजा लिखी |
जो लिखी है सनम तुमने तो अब बोलो कि क्यूँ लिखी ,
किया क्या जुर्म है हमने जो तुमने दोस्त ऐ मेरे
कफ़न पर दोस्ती के प्यार कि ये इल्तिजा लिखी |
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