Tuesday 5 June 2012

दिल्ली वालों से गुज़ारिश है मेरी ................

दिल्ली वालों से गुज़ारिश है मेरी ,
कि मेरे दिल का भी ख्याल करें
जो ज़माने से कह रहे थे कि मेरे है वो
वो अपनी बात पर खुद तो ज़रा एतबार करें |
सारी दुनिया से हमें काट कर किया अपना
मेरी आँखों में बसाया था स्वयं का सपना ,
कभी वो टूट कर मेरा भी इंतज़ार करें |
वो अपनी बात पर खुद तो ज़रा ऐतबार करें |
वो नहीं चाहते हम कोई दखल दे ऐ दोस्त ,
उनकी हर बात अपनी आँख बंद कर माने ,
वो अगर मुझसे कहें सांस न ले तो फिर हम ,
खुद को भी खत्म करें और हर कहा माने ,
कोई समझाए अब उन्हें कि वो प्यार को यूँ न शर्मसार करें ,
वो अपनी बात पर खुद तो ज़रा एतबार करें |
दिल्ली वालों से गुज़ारिश है मेरी ................

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