Sunday 3 June 2012

ना वादों पर भरोसा है ना बातों पर यकीं तेरी,
कभी पूरी न कि तूने मुरादें एक भी मेरी |
अगर तूने मुझे उस तरह अपनाया नहीं होता ,
तो तुझसे इस कदर जुडती नहीं नजदीकियां मेरी |
मैं तेरे सामने हंस कर बता देती हूँ मैं खुश हूँ ,
मगर दिलकी नमी को जानती तन्हाइयां मेरी |
मैं तुझसे जुड गयी हूँ इस कदर ऐ हमसफ़र मेरे ,
कि मुझको दिख नहीं पाती हैं अब रुसवाइयाँ मेरी |
अगर तू साथ देने का करे वादा तो फिर हम भी ,
चलेंगे  साथ तेरे उम्र भर परछाई बन तेरी |

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