Sunday 3 June 2012

मात खा गया

एक टूटा हुआ ख्वाब मेरे हिस्से आ गया ,
वो टूट के बिखरा तो मेरे पास आ गया |
जब तक न मिला दर्द मेरा हों न सका वो ,
आँसू मिले तो वो हमारे साथ आ गया |
तनहाइयों ने उसको यूँ गुमराह कर दिया ,
बस प्यार कि नज़र से ही वो मात खा गया |
सोचा नहीं था छोड़ के वो जायेगा कभी ,
था डूबते में जिसका मुझे हाँथ आ गया |
मैं रोया बहुत पर वो नहीं लौट के आया ,
वो वक्त था मैं जिससे यार मात खा गया |

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