ह्रदय खुश आज है मेरा उसे मैंने रुलाया है ,
जो हँसता था हमें गम दे उसे हमने सताया है |
ये फितरत तो नहीं अपनी मगर हम क्या करें ए दोस्त ,
हमें इस तरह करने का हुनर तुमने सिखाया है |
जो हँसता था हमें गम दे उसे हमने सताया है |
ये फितरत तो नहीं अपनी मगर हम क्या करें ए दोस्त ,
हमें इस तरह करने का हुनर तुमने सिखाया है |
किया है जो हमारे संग तुझे वो याद आएगा ,
तेरे अपनो पे गुज़रेगा तभी तुझको सताएगा ,
तू झूठा था हमारे संग जबकि हम रहे सच्चे ,
है शिव का श्राप तुझको अपनो से तू झूठ पायेगा |
तेरे अपनो पे गुज़रेगा तभी तुझको सताएगा ,
तू झूठा था हमारे संग जबकि हम रहे सच्चे ,
है शिव का श्राप तुझको अपनो से तू झूठ पायेगा |
हमारे दिल से उसके वास्ते अब बद्दुआ निकली ,
बड़े दिल से हुआ था प्यार अब उसकी सदा निकली ,
वो इंसानों कि चादर में छिपा बैठा दरिंदा था ,
उसे समझा तो जाना ये बहुत कम बद्दुआ निकली |
बड़े दिल से हुआ था प्यार अब उसकी सदा निकली ,
वो इंसानों कि चादर में छिपा बैठा दरिंदा था ,
उसे समझा तो जाना ये बहुत कम बद्दुआ निकली |
जो मेरी आँख में आँसू हों शिव भी हंस नहीं सकते ,
वो मेरे दिल को तज कर और कहीं भी बस नहीं सकते ,
भले कितने हों ज़ह्रीले जहाँ के लोग लेकिन वो ,
मुझे अपने गलत कर्मो से आ कर डस नहीं सकते |
वो मेरे दिल को तज कर और कहीं भी बस नहीं सकते ,
भले कितने हों ज़ह्रीले जहाँ के लोग लेकिन वो ,
मुझे अपने गलत कर्मो से आ कर डस नहीं सकते |
करारी चोट खायेगा दी जिसने चोट है हमको ,
कभी ना मुस्कुराएगा रुलाया जिसने है हमको ,
गरल दे कर गया है जो सुधा वो पा ना पायेगा,
ये शिव का देख लो अनुपम बहुत वरदान है हमको |
कभी ना मुस्कुराएगा रुलाया जिसने है हमको ,
गरल दे कर गया है जो सुधा वो पा ना पायेगा,
ये शिव का देख लो अनुपम बहुत वरदान है हमको |
मुझे अब रूठना तुझसे बहुत भाता है सुन लो तुम ,
मानते हों तो रोना भी बहुत आता है सुन लो तुम ,
मुझे लगता है सीने से लिपट तेरे बिन कहे कह लूं ,
जो कहना चाहती हूँ सब बिना बोले ही सुन लो तुम |
मानते हों तो रोना भी बहुत आता है सुन लो तुम ,
मुझे लगता है सीने से लिपट तेरे बिन कहे कह लूं ,
जो कहना चाहती हूँ सब बिना बोले ही सुन लो तुम |
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