अगर होती वफादारी तो इतना दर्द न होता ,
तुम्हारे दिल के दामन पर हमारा क़र्ज़ न होता |
जो तुमने हमसे यूँ नजदीकियां रखी नहीं होती ,
तो मुझको छोड़ कर जाने में कोई हर्ज न होता |
अगर तुमने मुझे अपना नहीं बोला कभी होता ,
तो मेरे अंश को अपनाना तेरा फ़र्ज़ न होता |
तुझे गर प्यार न करते तो हम भी खुश ही रह लेते ,
हमें भी दर्द देने वाला ऐसा मर्ज़ न होता |
तुम्हारे दिल के दामन पर हमारा क़र्ज़ न होता |
जो तुमने हमसे यूँ नजदीकियां रखी नहीं होती ,
तो मुझको छोड़ कर जाने में कोई हर्ज न होता |
अगर तुमने मुझे अपना नहीं बोला कभी होता ,
तो मेरे अंश को अपनाना तेरा फ़र्ज़ न होता |
तुझे गर प्यार न करते तो हम भी खुश ही रह लेते ,
हमें भी दर्द देने वाला ऐसा मर्ज़ न होता |
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