प्रगतिशीलता को तुम अपने जीवन के हर पल में धारो ,
उन्नति को ही जीवन का आधार बना कर तुम रख डालो ,
ले कर के प्रेरणा का सहारा मुख से अमृत रस बरसाओ ,
बनते बनते जीवन में तुम स्वयं प्रेणना स्रोत बन जाओ ।
उन्नति को ही जीवन का आधार बना कर तुम रख डालो ,
ले कर के प्रेरणा का सहारा मुख से अमृत रस बरसाओ ,
बनते बनते जीवन में तुम स्वयं प्रेणना स्रोत बन जाओ ।
बहुत सुंदर.... कम शब्दो मे ज्यादा सार..वाह
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